सतना ।।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया ने सतना शहर में संचालित प्राइवेट संजीवनी अस्पताल बस स्टैंड के अवैध रूप से बिना पंजीयन. बिना लाइसेंस के संचालित होने जिला अस्पताल से बहला-फुसलाकर मरीजों को अपने यहां ले जाने जैसे आरोपों के चलते नगर निरीक्षक थाना कोलगंवा को पत्र लिखा है। उन्होंने संजीवनी हॉस्पिटल बस स्टैंड की संचालिका श्रीमती जय किरण चौरसिया के विरुद्ध कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।मझगंवा विकासखंड के भट्टन टोला में बीमारियों का प्रकोप होने से कतिपय मरीजों को सीएचसी मझगंवा से जिला अस्पताल रेफर करने के निर्देश कलेक्टर अनुराग वर्मा
ने दिए थे। जिनमें से 23 अगस्त को रेफरर्ड मरीज कविता मवासी को जिला अस्पताल से अज्ञात एंबुलेंस चालक द्वारा ले जाकर बस स्टैंड के संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया। मरीज के 25 अगस्त को छुट्टी देने के एवज में संजीवनी हॉस्पिटल द्वारा 60000 रूपये की चिकित्सा व्यय की अनुचित मांग की गई। शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले की जांच की और पाया कि संजीवनी अस्पताल लाइसेंस और पंजीयन निरस्त होने के बावजूद संचालित है। अस्पताल में 11 मरीज भर्ती पाए गए जिनके उपचार के लिए कोई चिकित्सक नहीं है। बल्कि नर्सिंग स्टाफ देखभाल कर रहा है। भर्ती मरीजों के रिकॉर्ड भी व्यवस्थित रूप से संधारित नहीं पाए गए भर्ती मरीजों की उपचार फाइल से ज्ञात हुआ कि अधिकांश मरीज जिला अस्पताल से उपचाररत होकर वहां से बहला-फुसलाकर संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जयकिरण चौरसिया को रूजोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 तथा संशोधित विधेयक 2008 एवं 2021 के अंतर्गत अवैध रूप से अस्पताल चलाने पर अधिनियम 1973 की धारा 4 एवं 5 तथा धारा (क) (एक) तथा (दो) के अंतर्गत धारा 3 का उल्लंघन करने पर पुलिस को प्रतिवेदन भेजकर संचालक के विरुद्ध कार्यवाही करने एवं संजीवनी हॉस्पिटल बस स्टैंड सतना को बंद कराने का आग्रह किया है।