मध्यप्रदेशसतना

भूमि पूजन के बाद भी अधर में पुल, बाढ़ ने छीना सहारा- 10 गांवों की जिंदगी पर संकट…….

अमित मिश्रा/सतना।

जिले के नागौद बाबूपुर-पाकर की नदी पर बना पुराना पुल बरसों से जर्जर हालत में था। ग्रामीणों ने नया पुल बनाने की मांग की, सरकार ने दो करोड़ की राशि स्वीकृत कर टेंडर जारी किया और छह माह पहले राज्य मंत्री ने भूमि पूजन भी कर दिया। लेकिन भूमि पूजन के बाद ठेकेदार मौके से गायब हो गया और काम की शुरुआत तक नहीं हुई।

बरसात आते ही पुराने पुल का कैचमेंट एरिया बह गया। अब हालत यह है कि कौशलपुर, पिपरी, भाजीखेरा, बेलौंधा, दुर्गापुर, जैतवारा, आमा, देवरी, पनगरा और बाबूपुर पाकर जैसे गांवों के हजारों लोग लंबे रास्तों से होकर आने-जाने को मजबूर हैं।

किसानों की बोनी रुकी पड़ी है, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित है और बीमारों को अस्पताल तक ले जाना बड़ी चुनौती बन गया है।

ग्रामीण बताते हैं कि दोपहिया वाहनों से लोग जोखिम उठाकर पुल पार करते हैं। पुल जगह-जगह टूटा हुआ है, जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो चुकी है। ग्रामीण कमलेंद्र सिंह और धुव्रराज सिंह का कहना है कि यदि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो गया होता तो यह हालात नहीं बनते।

गांव के लोग अब प्रशासन और ठेकेदार से जवाब मांग रहे हैं। सवाल यह है कि भूमि पूजन और स्वीकृति के बाद भी पुल क्यों अधूरा है? और कब तक ग्रामीणों की जिंदगी यूं ही खतरे में डाली जाएगी।

बाइट- कमलेन्द्र सिंह ग्रामीण।बाइट- ध्रुवराज सिंह ग्रामीण।

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