भगवान के घर में हुई चोरी पर जिम्मेदार पुजारी और समिति पदाधिकारियों पर कब होंगी कार्रवाई?….
अमित मिश्रा/सतना।

गर्भगृह में चोरी पर सवाल: आखिर पुजारी, समिति के जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों ठहरी?
सिर्फ सीसीटीवी ऑपरेटर हटाकर ली गई खानापूर्ति!
सतना/मैहर। मां शारदा मंदिर के गर्भगृह से चांदी का छत्र, मुकुट और सोने की नथ गायब होने की गंभीर घटना के बाद भी शारदा प्रबंध समिति की निष्क्रियता पर सवालों का तूफ़ान उठ खड़ा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि जहां इस मामले में प्रधान पुजारी का जवाब भी मिल चुका है, वहीं कार्रवाई के नाम पर केवल सीसीटीवी ऑपरेटर को हटाकर खानापूर्ति कर दी गई। न किसी जिम्मेदार पुजारी पर कार्रवाई हुई, न ही मंदिर प्रांगण और गर्भगृह प्रभारी अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया।
घटना ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है। गर्भगृह का एक बड़ा हिस्सा अब तक कैमरों की निगरानी में ही नहीं था, यह तथ्य खुद समिति की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। चढ़ावे की सुरक्षा, गणना कक्ष की निगरानी और गर्भगृह की संपूर्ण कवरेज जैसी बुनियादी व्यवस्थाएँ आज भी अधूरी हैं।
इधर दानपात्रों में अवैध वसूली की शिकायतें भी लगातार बढ़ रही हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि कई छोटे मंदिरों में पंडों द्वारा दानपेटियों के छेद फूलों से ढंक दिए जाते हैं और श्रद्धालुओं को प्लेट-थाली में दान डालने के लिए भ्रमित किया जाता है। दान पर रसीद अनिवार्य करने और पंडों की अवैध वसूली रोकने की भी मांग तेज है।
घटना के बाद गर्भगृह और प्रांगण में तैनात कर्मियों के बीच ड्यूटी रोटेशन चार्ट लागू करने तथा गणना कक्ष सहित पूरे क्षेत्र को कैमरों की जद में लाने की मांग उठ रही है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि मां शारदा को चढ़ने वाला समस्त चढ़ावा समिति के कब्जे में आना चाहिए, क्योंकि पुजारियों को पहले से ही कुल आय का 6 प्रतिशत अंश देय है—इस स्थिति में उनके परिवारजनों को ‘सहयोगी पुजारी’ के रूप में रखने का औचित्य समझ से परे है।
उधर मंदिर प्रशासक दिव्या पटेल का कहना है कि जांच लगभग पूरी है और प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल अब भी अनुत्तरित है, भगवान के घर में हुई चोरी पर जिम्मेदार पुजारी और समिति पदाधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?