मध्यप्रदेशसतना

अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त, विधायक विक्रम सिंह का सियासी जलवा बरकरार…….

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। रामपुर बाघेलान जनपद अध्यक्ष रावेंद्र सिंह ‘छोटू’ के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को बुरी तरह धराशायी हो गया। तय संख्या बल के अभाव में प्रस्ताव पर वोटिंग तक नहीं हुई, जिससे अध्यक्ष की कुर्सी सुरक्षित रही और विधायक विक्रम सिंह का सियासी प्रभाव एक बार फिर सामने आया।

विक्रम सिंह, जो अपनी सरल, सौम्य छवि और सटीक राजनीतिक रणनीति के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभाई। रावेंद्र सिंह को अध्यक्ष बनवाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही थी, लिहाजा यह अविश्वास प्रस्ताव उनके लिए भी एक सियासी चुनौती थी।

गुरुवार सुबह 11 बजे जनपद सभागार में कलेक्टर के प्रतिनिधि, डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम सिटी राहुल सिलाडिया की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक हुई। प्रस्ताव पास करने के लिए 25 सदस्यीय परिषद में कम से कम 17 सदस्यों का समर्थन जरूरी था, लेकिन बैठक में केवल 11 सदस्य ही पहुंचे—जिनमें प्रशांत सिंह, बेला सिंह, रामनारायण डोहर, प्रतिभा सिंह, सुलोचना, आशालता सिंह, भूपेन्द्र सिंह, नेहा सिंह, सुखीनंद चौधरी, इंदू सिंह और रामबाई कोल शामिल थे।

संख्या बल स्पष्ट रूप से कम होने के कारण, वोटिंग को निरर्थक मानते हुए सदस्यों ने मतदान नहीं किया और प्रस्ताव स्वतः ही गिर गया। अब नियम के तहत अगले छह माह तक जनपद अध्यक्ष के खिलाफ कोई दूसरा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा।

इस बीच, पहले प्रस्ताव के समर्थन में रहने वाले जनपद सदस्य अनिल साकेत ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात में विधायक विक्रम सिंह सहित अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध में जुटे थे, लेकिन नतीजे ने उन्हें निराश किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई इस राजनीतिक जंग में न केवल अध्यक्ष छोटू ने अपनी कुर्सी बचा ली, बल्कि विधायक विक्रम सिंह ने यह साबित कर दिया कि जिले की सियासत में उनकी पकड़ आज भी मजबूत है।

रामपुर विधायक विक्रम सिंह के साथ छोटू।

Related Articles

Back to top button