वरिष्ठ पत्रकार विष्णुकांत त्रिपाठी की स्मृति में सेवा कार्य, सादगी-संयम और संस्कारों को किया गया याद……

सतना। वरिष्ठ पत्रकार विष्णुकांत त्रिपाठी की पुण्य स्मृति में सिविल लाइन स्थित बालिका छात्रावास में सेवा कार्य का आयोजन किया गया,
इस अवसर पर छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं को कंबल, टोपा, स्लीपर सहित ठंड से बचाव की सामग्री के साथ-साथ कॉपी-पेन जैसी शैक्षणिक आवश्यक वस्तुएं वितरित की गईं,

आयोजन में उनके परिजन, पत्रकार साथी और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे, सभी ने शांत वातावरण में उनके व्यक्तित्व और जीवन मूल्यों को स्मरण किया,

पुजारी परिवार से जुड़े विष्णुकांत त्रिपाठी का जीवन शुरू से ही धार्मिक, सात्विक और अनुशासित रहा है, उनके पिता बड़े संतों व विद्वानों में गिने जाते थे, जिनसे उन्हें संस्कार, संयम और सेवा भाव विरासत में मिला,
पूजा-पाठ और आध्यात्मिक जीवनशैली उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा थी, जिसका प्रभाव उनके व्यवहार और लेखन में भी स्पष्ट दिखाई देता था,
पत्रकारिता जैसे संघर्षपूर्ण क्षेत्र में रहते हुए भी विष्णु त्रिपाठी की भाषा हमेशा संयमित और संतुलित रही, वे असहमति को भी शालीन शब्दों में रखते थे, उनके मित्रों और सहयोगियों का कहना है कि उनका डांटना या नाराज होना भी प्रेम से भरा होता था, वे गलतियों पर टोकते जरूर थे, लेकिन उद्देश्य हमेशा सुधार और मार्गदर्शन का ही रहता था,
सहकर्मियों के बीच विष्णु त्रिपाठी को मिलनसार, सहज और सबको साथ लेकर चलने वाला व्यक्तित्व माना जाता था, वे वरिष्ठता का दंभ नहीं रखते थे और अपनों को आगे बढ़ाने में खुलकर सहयोग करते थे, सच के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और मानवीय दृष्टिकोण ने उन्हें अलग पहचान दी,
आज उनकी स्मृति में किया गया यह सेवा कार्य भी उसी विचारधारा का प्रतीक बना, जिसमें जरूरतमंदों की सहायता और समाज के प्रति जिम्मेदारी सर्वोपरि थी,
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने कहा कि विष्णुकांत भैया की अच्छाइयां, सादगी और संस्कार आज भी प्रेरणा देते हैं और उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है……..

