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शेरगंज खाद घोटाला: बिना बिल खाद भेजने पर बवाल, कलेक्टर ने SDM को सौंपी जांच, DMO पर उठे सवाल…..

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। खाद वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी का शेरगंज प्रकरण अब प्रशासनिक जांच के घेरे में पहुंच गया है। दरअसल, 29 अक्टूबर को ईफको की रैक से आई डीएपी खाद से भरा एक ट्रक शेरगंज गोदाम पहुंचा, जहां गोदाम प्रभारी ने बिना बिल और अनलोडिंग के ही उसकी रिसीविंग कर दी और ट्रक को मझगवां के लिए रवाना कर दिया।

जानकारी के अनुसार, ट्रक क्रमांक एमपी 53 एचए 1828 में 600 बोरियां डीएपी भरी थीं। खाद की एक भी बोरी गोदाम में नहीं उतरी, फिर भी पावती जारी कर दी गई। जब वाहन पन्ना रोड पर संदिग्ध हालत में मिला, तो कृषि विभाग के एसएडीओ ने उसे पकड़ लिया और ट्रक को वापस शेरगंज गोदाम में खड़ा करा दिया गया।

घटना का खुलासा होते ही ईफको कंपनी ने इस पर सख्त आपत्ति जताई और उपसंचालक कृषि व जिला विपणन अधिकारी (DMO) को पत्र भेजा। कंपनी ने इसे अत्यंत संदिग्ध मामला बताया और गोदाम प्रभारी की संलिप्तता की आशंका जताई।

इस बीच, मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने एसडीएम राहुल सिलाड़िया को जांच सौंपी है। शुक्रवार को एसडीएम जांच के सिलसिले में मार्कफेड कार्यालय पहुंचे और वहां दस्तावेजों की जांच की।

उधर, ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने DMO पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए उनके हटाए जाने की मांग दोहराई है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, खाद की गाड़ियां नहीं चलेंगी।

किसानों ने भी कहा है कि इस तरह की हेराफेरी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। प्रशासन अब पूरे प्रकरण की परतें खंगालने में जुटा है और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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