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100 वर्ष बाद भी संघ अपने लक्ष्य को नहीं पा सका- मोहन भागवत का आत्ममंथन, बोले- हर गांव में शाखा और हर घर में स्वयंसेवक हमारा संकल्प……

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी हमारा लक्ष्य अधूरा है। संघ का उद्देश्य हर गांव में शाखा और हर घर में स्वयंसेवक बनाना था, परंतु हम उस मुकाम तक नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, यह उत्सव का नहीं, आत्ममंथन का समय है। हमने 100 वर्षों में बहुत सी चुनौतियों को पार किया है, लेकिन अब हमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है।

भागवत सतना के सरस्वती विद्यापीठ में संघ के शताब्दी वर्ष पर निकले विस्तारकों और प्रचारकों के वर्ग को संबोधित कर रहे थे। संबोधन से पहले उन्होंने विस्तारकों से प्रश्नोत्तरी की, उनके सवालों का उत्तर दिया और संघ के भावी कार्यों की दिशा तय की। उन्होंने कहा कि हर विस्तारक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने क्षेत्र में शाखा लगाए और समाज को संघ की विचारधारा से जोड़े।

जुड़ने से पहले करें आंकलन
संघ प्रमुख ने कहा कि जब आप किसी व्यक्ति से जुड़ने जा रहे हैं, तो पहले उसकी बौद्धिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आंकलन करें। फिर उससे मिलने पर यह महसूस कराएं कि आप अधिक सक्षम हैं। उन्होंने कहा, पहली मुलाकात में संघ में शामिल होने की बात न करें, बल्कि अपनी छाप छोड़ें। बार-बार मिलने जाएं जब तक वह स्वयं संघ से जुड़ने को प्रेरित न हो।

स्वयं लगाएं शाखाएं
भागवत ने विस्तारकों से कहा कि शाखा लगाने के लिए किसी आदेश या अनुमति का इंतजार न करें। जहां जाएं, वहीं स्वयं शाखा लगाएं। संघ ऊपर से नहीं बनता, समाज की जड़ों से पनपता है, उन्होंने कहा।

संघ ने चुनौतियों से पार पाना सीख लिया है
संघ प्रमुख ने कहा कि संघ ने पिछले सौ वर्षों में चुनौतियों से लड़ना और पार पाना सीख लिया है। विचारों की लड़ाई नहीं, समाज निर्माण की दिशा में संघ अग्रसर है। अगले 20 साल हमारे लिए अनुकूल समय हैं। गांव-गांव, बस्ती-बस्ती तक संघ विचार पहुंचाना है, उन्होंने कहा।

मैहर में मां शारदा के किए दर्शन
भागवत ने मैहर पहुंचकर मां शारदा के दर्शन-पूजन किए। इसके बाद वे पतौरा गांव में प्रांत प्रचारक बृजकांत चतुर्वेदी के घर पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय व्यंजन बरा-मुगौरा और रसाज की कढ़ी का स्वाद लिया। बाद में वे सतना शहर लौटकर सरस्वती विद्यापीठ में आयोजित विस्तारक वर्ग को संबोधित किया।

संघ प्रमुख का संदेश: हर गांव में शाखा, हर घर में स्वयंसेवक- यही है शताब्दी वर्ष का संकल्प।

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