मध्यप्रदेशसतना

समितियों में ऋण वितरण पर बड़ा झोल, किसानों की जांच की मांग तेज……

अमित मिश्रा/सतना।


सतना। सहकारी समितियों में किसानों को राहत देने के नाम पर गड़बड़झाला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, जिन समितियों की कमान प्रशासक मनोज गोनकर के पास है, वहां ऋण वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें उठ रही हैं। कहा जा रहा है कि डेढ़ दर्जन से अधिक समितियों में यदि निष्पक्ष जांच कराई जाए तो यह तथ्य सामने आएगा कि किसानों को बिना कर्ज दिए ही कर्जदार बना दिया गया। कई जगह किसानों के नाम पर फर्जी ऋण चढ़ाकर गबन का रास्ता तैयार किया गया।

मिलीभगत की आशंका..
सूत्रों का कहना है कि समिति प्रबंधकों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। किसानों की जानकारी के बिना उनके खातों में ऋण दर्शा दिया गया और वसूली की तैयारी की गई। इससे न केवल किसानों की छवि धूमिल हो रही है बल्कि भविष्य में वे वैध ऋण पाने में भी वंचित हो सकते हैं। किसानों का आरोप है कि समितियों में करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला हो रहा है, जिस पर प्रशासन को तत्काल जांच करनी चाहिए।

निलंबित प्रबंधक की बहाली पर सवाल..
बरती समिति के प्रबंधक पुष्पराज अग्निहोत्री को गंभीर अनियमितताओं के चलते निलंबित किया गया था। लेकिन सिर्फ एक सप्ताह बाद ही प्रशासक ने रीवा के एक अधिकारी के पत्र का हवाला देकर उन्हें बहाल कर दिया। यह वही मामला है जिसमें कलेक्टर डॉ. सतीष कुमार एस के निर्देश पर खाद की कालाबाजारी की पुष्टि हुई थी। इस बहाली ने समिति प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

खाद वितरण में गड़बड़ी का आरोप..
चूंद सेवा सहकारी समिति में खाद वितरण को लेकर भी शिकायतें सामने आई हैं। किसानों का कहना है कि समय पर खाद उपलब्ध नहीं कराई गई, जबकि रिकॉर्ड में पूरा वितरण दिखाया गया। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों का आरोप है कि इस पूरे मामले में प्रशासक की भूमिका पर सवाल उठते हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।

किसानों की मांग, पारदर्शी जांच और कार्रवाई..
किसानों का कहना है कि यदि सभी समितियों की निष्पक्ष जांच की जाए तो करोड़ों के घोटाले का खुलासा होगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गहन जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसानों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी न हो सके।


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