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शिक्षा के मंदिर में अनुशासन पर सवाल: कक्षा 2 के छात्र की पिटाई के बाद प्रबंधन की भूमिका चर्चा में……

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। शहर के प्रतिष्ठित माने जाने वाले एकेडमिक हाइट पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 के छात्र के साथ हुई पिटाई की घटना ने अभिभावकों और स्थानीय लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। परिजनों के अनुसार, रेयांश सिंह नामक छात्र को शिक्षिका द्वारा अनुशासन के नाम पर ऐसी सजा दी गई कि बच्चा डर और सदमे में आ गया। बच्चे के शरीर पर हल्के चोट के निशान भी बताए जा रहे हैं।

महाराणा प्रताप नगर, मुख़्तायरगंज निवासी प्रियंका सिंह के बेटे रेयांश का कहना है कि कक्षा में एक सहपाठी के साथ उसका हल्का विवाद हुआ था। उसने शिक्षिका को इसकी जानकारी दी, लेकिन उसी वक्त शिक्षिका का रुख कठोर हो गया और छात्र को डांट-फटकार के साथ शारीरिक दंड भी मिला।

घटना के अगले दिन जब परिजन स्कूल पहुंचे और शिक्षिका से मुलाकात चाही, तो उन्हें बताया गया कि वह अस्वस्थ हैं और घर जा चुकी हैं। इस दौरान शिक्षिका की अनुपस्थिति और प्रबंधन की संक्षिप्त प्रतिक्रिया ने अभिभावकों के मन में कई प्रश्न खड़े कर दिए। कई छात्रों ने भी इस शिक्षिका के सख्त व्यवहार की बात साझा की है।

रेवांचल रोशनी द्वारा घटना की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने परिजनों से संपर्क कर मामले को सुलझाने की बात कही। प्रबंधन का कहना है कि शिक्षिका के खिलाफ पहले भी शिकायतें रही हैं और आवश्यक होने पर संस्थान उचित निर्णय लेगा।

हालांकि, विद्यालय से जुड़े कुछ सूत्रों का कहना है कि किसी भी प्रकार की कठोर कार्रवाई की संभावना फिलहाल कम है, और इस तरह के मामलों में संस्थान प्रायः आंतरिक स्तर पर ही निपटारा करता है।

शहर में यह चर्चा का विषय बन गया है कि सुविधाओं और अनुशासन का दावा करने वाले स्कूलों में निगरानी और जवाबदेही का स्तर कितना प्रभावी है। अभिभावकों का कहना है कि कई बार बच्चे अपनी शिकायत खुलकर नहीं करते, क्योंकि इससे उनकी पढ़ाई या भविष्य के अवसर प्रभावित हो सकते हैं।

स्थानीय शिक्षा प्रेमियों और अभिभावकों की मांग है कि ऐसे मामलों में पारदर्शी जांच हो और विद्यालयों में संवेदनशील माहौल सुनिश्चित किया जाए, ताकि बच्चे शिक्षा प्राप्त करते समय आत्मविश्वास और सुरक्षा महसूस कर सकें, और शिक्षा का स्थान अनुशासन के साथ-साथ संवेदनशीलता का भी उदाहरण बने।

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