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संत प्रेमानंद महाराज को सोशल मीडिया पर हत्या की धमकी, सतना-रीवा में जनाक्रोश…

संतों और धार्मिक आस्था पर हमला करने वाली मानसिकता एक बार फिर सतह पर है। सतना जिले के शत्रुघ्न सिंह नामक युवक ने वृंदावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को सोशल मीडिया पर जान से मारने की खुली धमकी दे डाली। युवक ने फेसबुक पोस्ट में संत के खिलाफ न केवल आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, बल्कि “गर्दन उतारने” जैसा हत्या का खुला ऐलान भी कर डाला।

यह पोस्ट कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और इसके बाद रीवा, सतना समेत पूरे विंध्य क्षेत्र में जनता आक्रोशित हो उठी। संत प्रेमानंद के अनुयायियों और आमजनों ने इसे धार्मिक असहिष्णुता और कानून का मखौल बताया।

विवाद की जड़ क्या है?

दरअसल, संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक प्रवचन में आधुनिक युवा पीढ़ी की जीवनशैली को लेकर कहा था कि आज की युवतियां “बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड और ब्रेकअप की चपेट में आकर 25 की उम्र तक कई बार टूट चुकी होती हैं”, जिससे उनका मानसिक संतुलन और जीवन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

युवाओं के इसी व्यवहार पर टिप्पणी से नाराज होकर शत्रुघ्न सिंह ने सोशल मीडिया पर बेहद आपत्तिजनक भाषा में प्रतिक्रिया दी।

पोस्ट में लिखा गया क्या?

युवक ने फेसबुक पर लिखा,

मेरे घर के बात में बोलता तो प्रेमानंद होता या कोई और मैं उसकी गर्दन उतार लेता…

यह सीधा हत्या की धमकी वाला बयान माना जा रहा है,

सामाजिक प्रतिक्रिया और पुलिस की जांच……..

पोस्ट के वायरल होते ही फेसबुक पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। अनुज विराट शुक्ला, नेता मोहनिया, धीरज द्विवेदी, विकास सिंह, प्रभांशु द्विवेदी, जैसे फेसबुक यूजर्स ने न केवल इस बयान का कड़ा विरोध किया, बल्कि युवक के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की। अनुज विराट ने तो बाकायदा सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ दी है, जिसके जरिए उन्होंने सतना पुलिस से कार्रवाई की अपील की।

सूत्रों की माने तो सतना पुलिस ने युवक की फेसबुक प्रोफाइल, लोकेशन और सोशल एक्टिविटी की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि बयान की संवेदनशीलता को देखते हुए जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

वही लोगों का कहना है कि संतों और धर्मगुरुओं के प्रति हिंसा की भाषा न केवल सामाजिक सौहार्द बिगाड़ती है, बल्कि यह देश के कानून और संविधान की भी सीधी अवहेलना है। ऐसे मामलों में प्रशासन को तत्काल सख्त कदम उठाने होंगे ताकि धर्म के नाम पर वैमनस्य फैलाने वालों को सबक मिल सके।

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