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सत्ताधारी दल का विरोध सिर्फ सियासी नौटंकी-रितेश त्रिपाठी।


जिला पंचायत सतना के घेराव से सात निर्वाचित सदस्य अलग हुए, रितेश ने सौंपी सीईओ को जानकारी।

सतना। जिला पंचायत सतना में 3 जुलाई को प्रस्तावित घेराव और विरोध प्रदर्शन से सात निर्वाचित सदस्यों ने स्वयं को पूरी तरह अलग कर लिया है। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि रितेश त्रिपाठी ने जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को औपचारिक ज्ञापन सौंपकर स्पष्ट किया कि वे इस विरोध में शामिल नहीं होंगे।

ज्ञापन में कहा गया है कि सदस्याएँ- श्रीमती सावित्री त्रिपाठी, श्रीमती एकता सिंह, श्रीमती विमला कोल, श्रीमती लक्ष्मी मवासी, श्रीमती जाह्नवी यादव, श्रीमती मंजूलता सिंह और श्रीमती पूजा गुर्जर, इस विरोध का हिस्सा नहीं बनेंगी।

रितेश त्रिपाठी ने कहा, की दिनांक 4 फरवरी को जब इन महिला सदस्यों ने कार्य योजना में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के विरोध में सदन के भीतर आवाज़ उठाई थी, तब सत्ताधारी दल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। लेकिन आज वही लोग भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं, जो तब मौन थे। रितेश ने बताया की विरोध कार्यक्रम में उनका और अन्य सदस्यों का नाम अनुचित तरीके से उपयोग किया जा रहा है। जिस सदन में हमारी माताजी और अन्य महिला सदस्यों के विरोध पर चुप्पी साध ली गई, उस सदन में सत्ताधारी दल के विरोध की नौटंकी में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता,

रितेश त्रिपाठी ने इस विरोध को एक राजनीतिक नाटक बताते हुए आरोप लगाया कि यह सिर्फ जिला पंचायत कर्मचारियों और सीईओ पर अनैतिक दबाव बनाने के इरादे से किया जा रहा है।

पिछले तीन वर्षों से ऐसी कोशिशें होती रही हैं, लेकिन वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पारदर्शी और निष्पक्ष प्रशासन सुनिश्चित किया है। इसी कारण कुछ सत्ताधारी सदस्य असहज हो गए हैं और विरोध का यह स्वांग रचा जा रहा है।

जारीकर्ता
रितेश त्रिपाठी
जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि, सतना


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