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बाघों के नाम पर फिर बड़ा खेल: अब आोरमानी बीट में कागजों पर बना तालाब…..

वन्यजीव संरक्षण योजनाओं की फिर उड़ी धज्जियां, बजट निगल गया पुराना तालाब……

वन्यजीव संरक्षण योजनाओं की फिर उड़ी धज्जियां, बजट निगल गया पुराना तालाब

सतना। मझगवां रेंज में धउहा के बाद अब बिरसिंहपुर सर्किल के आोरमानी बीट से भी वन विभाग की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां कागजों में नया तालाब बना दिया गया, जबकि मौके पर पहले से मौजूद पुराने तालाब को ही थोड़ी-बहुत सफाई और मरम्मत के बाद नया निर्माण दिखा कर लाखों रुपये का बजट निकाल लिया गया।

पुराने तालाब की लीपापोती, फिर उठाया बजट….
जानकारी के मुताबिक आोरमानी जंगल में वर्षों पहले एक तालाब का निर्माण कराया गया था, जो वर्तमान में भी मौजूद है। बावजूद इसके वन विभाग को फिर से नया तालाब निर्माण के लिए भारी भरकम बजट मिला। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन रेंजर पंकज दुबे के कार्यकाल में बिना कोई नया तालाब बनाए, पुराने तालाब की मामूली मरम्मत कर रिपोर्ट में उसे नया तालाब बताकर काम पूर्ण दिखा दिया गया।

जमीनी हकीकत को छिपाकर विभागीय कागजों में खेल…..
सूत्रों का कहना है कि विभागीय दस्तावेजों में यह कार्य पूरा दर्शाया गया है और भुगतान भी कर दिया गया है, जबकि मौके पर ऐसा कोई नया निर्माण नहीं हुआ। यह मामला धउहा की तरह ही एक और उदाहरण बन गया है, जहां बाघों और वन्यजीवों के नाम पर योजनाओं को सिर्फ कागजों में पूरा कर करोड़ों रुपये की बंदरबांट की जा रही है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, जांच की मांग….
इस नए खुलासे के बाद स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में रोष है। लोगों ने सरकार और वरिष्ठ वन अधिकारियों से मांग की है कि मझगवां रेंज और बिरसिंहपुर सर्किल में पिछले पांच वर्षों में हुए सभी निर्माण कार्यों की स्वतंत्र जांच कराई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि निष्पक्ष जांच हो, तो वन विभाग के भीतर गहरे तक फैले भ्रष्टाचार की जड़ें उजागर हो सकती हैं।

तत्कालीन रेंजर पंकज दुबे।

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