बसुधैव कुटुंबकम् वाले भारत के लिए ट्रंप की टिप्पणी निंदनीय:- नारायण त्रिपाठी….

पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत विरोधी टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत वह भूमि है जहां अतिथि को देवता माना जाता है, जहां नारी पूज्य है, जहां ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना जीवित है, ऐसे देश के लिए घृणित शब्द बोलना निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि अमेरिका को पहले अपनी संस्कृति में झांकना चाहिए, जहां आए दिन निर्दोषों की अंधाधुंध हत्याएं होती हैं और ड्रग्स व मानसिक विकृति से ग्रस्त समाज हिंसा का पर्याय बन चुका है। उन्होंने कहा कि स्वयं ट्रंप को हाल ही में गोली मारी गई थी, यह उनके देश की आंतरिक दशा को दर्शाता है।
भारत को “मित्र राष्ट्र” कहने वाला अमेरिका जब ट्रंप जैसे राष्ट्राध्यक्ष के नेतृत्व में भारतीयों को प्लेन में ‘लगेज’ की तरह बांधकर वापस भेजता है, तब वह मित्रता की गरिमा को कलंकित करता है। त्रिपाठी ने ट्रंप द्वारा एप्पल कंपनी को भारत में काम करने से रोकने संबंधी बयान को भी दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा कि यह अमेरिका की दोहरी नीति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि ट्रंप बार-बार भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वो देश जो कभी विश्वगुरु कहा जाता था, आज आरोपों का शिकार बन रहा है। “आज जब दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से जूझ रही है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि हमारा असली मित्र कौन है,” त्रिपाठी ने सवाल उठाया।
अंत में उन्होंने लेखक, बुद्धिजीवी, धर्मगुरु व मीडिया से आग्रह किया कि वे देश की अस्मिता पर हमलों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा अब चुप रहना गुनाह होगा।