पीडीएस के चावल में खेल, जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी ने बढ़ाई संदेह की सुई….

जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे जिला प्रबंधक पंकज बोरसे,
जांच के नाम पर खानापूर्ति…….

सतना। देवास के लिए रवाना दो ट्रकों में लदे पीडीएस चावल के निजी मिल में पहुंचने का मामला अब गहराता जा रहा है। पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा सवाल नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक पंकज बोरसे की भूमिका को लेकर उठ रहे हैं। जिनकी जानकारी और निगरानी में यूनिट-1 शाखा मूकमाटी वेयरहाउस से चावल का परिवहन हुआ, वही अधिकारी अब दावा कर रहे हैं कि “वे छुट्टी पर थे और उन्हें मामले की जानकारी नहीं है।”
यह जवाब न केवल असंवेदनशील है, बल्कि इस बात की पुष्टि भी करता है कि राशन जैसे संवेदनशील विषय पर अधिकारी कितने गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं।
इस जांच से क्यों बच रहे…
ट्रकों की लाइव मॉनिटरिंग, लॉग बुक, डिस्पैच रजिस्टर जैसी व्यवस्थाएं यदि मौजूद थीं, तो यह चावल देवास पहुंचने के बजाय सतना नदी क्षेत्र की विद्याश्री राइस मिल में कैसे उतर गया?
सूत्र बताते हैं कि ट्रांसपोर्टर और राइस मिल संचालक सौरव जैन की इस घोटाले में गहरी मिलीभगत है, लेकिन फूड विभाग की ओर से कोई कठोर कानूनी कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। स्थानीय कर्मचारियों ने रात में मौके पर पहुंचकर अनलोडिंग देखी भी, फिर भी न एफआईआर हुई, न कोई गिरफ्तारी जिससे यह संदेह और प्रबल हो गया है कि पूरा मामला दबाने की कोशिश की जा रही है।
सुलगते सवाल..
- जब जिम्मेदार अधिकारी छुट्टी पर होते हैं, तो क्या व्यवस्था ठप हो जाती है?
- क्या यह घोटाला अधिकारियों की मौन सहमति से ही संभव हो पाया?
- पीडीएस चावल की चोरी पर चुप रहने वाला सिस्टम आखिर किसके इशारे पर काम कर रहा है?