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विप्र सेना को शंकराचार्य स्वामी का पावन आशीर्वाद, गौ रक्षा को बताया राष्ट्र सेवा, संगठन ने लिया सनातन धर्म व गौरक्षा का संकल्प….

ज्योतिष्पीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज के सतना नगर आगमन पर सोमवार को विप्र सेना के प्रतिनिधि मंडल ने उनके दर्शन कर संगठन एवं समाज के कल्याण हेतु उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। यह भेंट विप्र सेना के मार्गदर्शक श्री देवेंद्र पाण्डेय जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुई।

संगठन की ओर से प्रदेश प्रवक्ता रजनीश द्विवेदी ने शंकराचार्य जी से आत्मीय संवाद करते हुए विप्र सेना की गतिविधियों, उद्देश्यों एवं भावी योजनाओं की जानकारी दी।

इस अवसर पर शंकराचार्य जी ने विप्र सेना की सराहना करते हुए सभी पदाधिकारियों व सनातन धर्म अनुयायियों को शुभाशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा:

> “गौ माता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। वे केवल एक पशु नहीं, बल्कि हमारी आस्था, अन्न, औषधि और अर्थव्यवस्था का मूल स्रोत हैं। जो समाज गौ माता की रक्षा करता है, वह दीर्घकालिक समृद्धि और धर्म की रक्षा करता है। गौ हत्या अधर्म है और गौ सेवा महान पुण्य। हर सनातनी का यह कर्तव्य है कि वह गौ माता की रक्षा, सेवा और संवर्धन हेतु कार्य करे। यह न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि राष्ट्र सेवा भी है।”


शंकराचार्य जी के इन प्रेरणादायी आशीर्वचनों से विप्र सेना के कार्यकर्ताओं में नवचेतना व आत्मबल का संचार हुआ। संगठन ने यह संकल्प लिया कि गौ रक्षा, सनातन धर्म, वेद मर्यादा, ब्राह्मण चेतना और राष्ट्रीय सांस्कृतिक अखंडता की रक्षा हेतु समर्पित भाव से कार्य करता रहेगा।

इस दौरान विप्र सेना से मार्गदर्शक मनोज दुबे, प्रदेश महासचिव लौकेश द्विवेदी, प्रदेश संगठन सचिव आदित्य प्रताप तिवारी, प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक मिश्रा, सतना जिलाध्यक्ष अनुराग दुबे तथा जिला संगठन सचिव सुनील शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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