टावर लाइन से प्रभावित किसानों ने मुआवजे के लिए लगाई गुहार……..

सतना: टावर लाइन से प्रभावित किसानों ने उच्च न्यायालय के हालिया फैसले के बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने मुआवजे के भुगतान के लिए कलेक्टर न्यायालय के आदेश को लागू करने की मांग की।
एक दशक पहले पावर ग्रिड कंपनी ने विभिन्न क्षमताओं वाली टावर लाइनों का निर्माण किया था, जिससे किसानों की भूमि प्रभावित हुई। उचित मुआवजा न मिलने पर किसानों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
न्यायालय का आदेश
उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को प्रभावित किसानों को 12 लाख रुपये प्रति टावर और 3,000 रुपये प्रति रनिंग मीटर के हिसाब से मुआवजा देने का निर्देश दिया। कुछ किसानों को भुगतान मिला, लेकिन कई अब भी वंचित हैं।
किसानों की लड़ाई
मुआवजे के लिए किसानों ने कई बार प्रशासन से अपील की। 2 नवंबर 2021 को कलेक्टर न्यायालय ने दोबारा भुगतान का आदेश दिया, लेकिन पावर ग्रिड कंपनी ने इसके खिलाफ रिट याचिका दायर कर दी।
हालिया फैसला और आगे का रास्ता
2 अप्रैल 2025 को उच्च न्यायालय ने कंपनी की याचिका खारिज कर कलेक्टर द्वारा घोषित मुआवजा दर को सही ठहराया। अब सवाल यह है कि प्रशासन आदेश का पालन करेगा या किसान फिर से संघर्ष करने को मजबूर होंगे?
ज्ञापन सौंपने वाले प्रमुख किसान
ज्ञापन देने वालों में अमित गौतम, अनूप तिवारी, सुरेंद्र तिवारी, अरुण पांडे सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।