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डायबिटीज से बिगड़ रही आंखों की रोशनी: हर 10 में 6 मरीज खतरे में, जानिए बचाव के उपाय….



मधुमेह (डायबिटीज) सिर्फ एक ब्लड शुगर की बीमारी नहीं रह गई है। यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है, जिनमें आंखें सबसे संवेदनशील हैं। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में हुई एक ताज़ा स्टडी से खुलासा हुआ है कि हर 10 में से 6 डायबिटीज मरीज किसी न किसी आंखों की बीमारी से पीड़ित हैं।


स्टडी के अहम निष्कर्ष:
जीएमसी के नेत्र रोग विभाग द्वारा की गई यह केस स्टडी करीब 1,000 डायबिटीज मरीजों पर आधारित है।
विभागाध्यक्ष डॉ. कविता कुमार बताती हैं कि लंबे समय तक शुगर अनियंत्रित रहने से आंखों की नसों में ब्लड रिसाव शुरू हो जाता है, जिससे दृष्टि धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। कुछ मामलों में अचानक अंधापन तक हो सकता है।


तेजी से बढ़ रहे ग्लूकोमा के मामले:
हमीदिया अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस कुबरे के अनुसार, अब 40 वर्ष की उम्र से पहले ही ग्लूकोमा (कालापानी) के केस सामने आने लगे हैं, जो पहले बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी।


ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें:

  • बार-बार चश्मा बदलवाने की जरूरत
  • आंखों में जलन या खुजली
  • बिना कारण आंसू आना
  • बार-बार सिरदर्द होना

डायबिटीज से जुड़ी प्रमुख नेत्र समस्याएं:

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी:
    रेटिना की रक्तवाहिनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे नजर धुंधली होती है और अंधेपन की संभावना बढ़ जाती है।
  • मैक्युलर एडिमा:
    रेटिना में तरल भरने लगता है, जिससे देखने की क्षमता प्रभावित होती है।
  • कैटरैक्ट (मोतियाबिंद):
    लंबे समय तक उच्च शुगर स्तर के कारण लेंस धुंधला होने लगता है, जिससे मोत

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