जीपीएस के निर्देशों की अनदेखी! 31 मई थी डेडलाइन, अब भी 87 ‘अन्नदूत’ वाहन ट्रेकिंग से बाहर……
मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के तहत राशन सामग्री का परिवहन कर रहे 87 अनुबंधित वाहन अब भी जीपीएस ट्रेकिंग से बाहर हैं। जबकि खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने 31 मई तक जीपीएस सिस्टम को सक्रिय कराने के स्पष्ट निर्देश दिए थे।
463 वाहन निष्क्रिय, सतना में 5 वाहन अब भी बचे
प्रदेश भर के 894 अन्नदूत वाहनों में से 463 वाहनों में 23 मई तक जीपीएस निष्क्रिय पाया गया। इस पर विभाग ने चेतावनी जारी की थी कि 31 मई तक जीपीएस सक्रिय नहीं कराने पर परिवहनकर्ता का आगामी माह का कमीशन रोका जाएगा।
हालांकि, इस पर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
सतना के डीएसओ सम्यक जैन ने बताया कि “सतना जिले के 12 में से 5 वाहन अब भी बिना जीपीएस ट्रेकिंग के चल रहे हैं। लगातार प्रयास जारी हैं कि दो-चार दिन में ये वाहन भी ट्रेकिंग से जुड़ जाएं।”
जिन जिलों में अब भी जीपीएस निष्क्रिय
सतना – 5
अलीराजपुर – 9
अशोकनगर – 1
बालाघाट – 2
छतरपुर – 1
छिंदवाड़ा – 8
दमोह – 1
धार – 1
गुना – 2
इंदौर – 1
खण्डवा – 1
मैहर – 5
मंडला – 3
मंदसौर – 2
मऊगंज – 4
नर्मदापुरम – 1
नीमच – 1
रायसेन – 5
राजगढ़ – 5
रीवा – 2
सीहोर – 3
सिवनी – 12
शाजापुर – 4
उज्जैन – 7
उमरिया – 1
जून का एक सप्ताह बीत गया, फिर भी निर्देशों की अनदेखी
डायरेक्टर फूड ने 23 मई को सभी डीएसओ और डीएम नान को पत्र भेजकर 31 मई तक जीपीएस एक्टिव कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन जून का एक सप्ताह गुजर जाने के बावजूद कई जिलों में अब भी जीपीएस सिस्टम नहीं लग पाया।
यह लापरवाही योजना के उद्देश्यों को झटका दे रही है।
अनुबंध की शर्तों के अनुसार, जिम्मेदारी परिवहनकर्ता की
अनुबंध के मुताबिक जीपीएस लगवाना, चालू रखना और उसका खर्च वहन करना परिवहनकर्ता की जिम्मेदारी है। फिर भी कई वाहन अभी तक ट्रेकिंग से बाहर हैं। विभाग ने अब परिवहनकर्ताओं को अंतिम चेतावनी दी है कि जल्द ही कमीशन रोका जा सकता है।