जिला अस्पताल में शर्मनाक लापरवाही! मरीज की जगह परिजन का खून भेजा ब्लड बैंक, ब्लड ग्रुप mismatch से हुआ खुलासा…..
अमित मिश्रा/सतना।

सतना। जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मंगलवार को आर्थो वार्ड में भर्ती 70 वर्षीय चैलवा कोल के ऑपरेशन से पहले एक गंभीर लापरवाही सामने आई, जिसमें मरीज की बजाय उसके बेटे का खून निकालकर ब्लड बैंक भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने ऑपरेशन से पहले मरीज के ब्लड की व्यवस्था करने को कहा था। दोपहर करीब 12 बजे बीएससी नर्सिंग की एक प्रशिक्षु छात्रा ने, नर्सिंग स्टाफ के मौखिक निर्देश पर, मरीज के बेटे का सैंपल ले लिया और बिना पुष्टि किए ब्लड बैंक भेज दिया।
जब सैंपल ब्लड बैंक पहुंचा, तो कर्मचारियों को संदेह हुआ क्योंकि फॉर्म में दर्ज मरीज का ब्लड ग्रुप ‘ओ पॉजिटिव’ था, जबकि सैंपल ‘ए पॉजिटिव’ निकला। जांच के दौरान मरीज के बेटे ने स्वीकार किया कि खून उसी का है।
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल के अनुसार, अगर यह गलती समय पर नहीं पकड़ी जाती, तो मरीज को गलत खून चढ़ाया जा सकता था, जिससे जान भी जा सकती थी। हैरानी की बात यह रही कि जब मामले की पड़ताल की गई, तो सभी स्टाफ ने अनभिज्ञता जाहिर की। वहीं, सैंपल लेने वाली छात्रा वार्ड से गायब हो गई और बुलाने पर भी नहीं लौटी।
यह घटना न केवल अस्पताल की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि प्रशिक्षुओं की निगरानी और स्टाफ की जिम्मेदारी पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।