जबलपुर में रेलवे ठेकेदारों की डीआरएम के साथ महत्वपूर्ण बैठक:

समस्याओं के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम…..
जबलपुर, 8 अगस्त 2025। पश्चिम मध्य रेलवे मंडल जबलपुर में रेलवे कांट्रैक्टर एसोसिएशन और डीआरएम के बीच आयोजित बैठक ने ठेकेदारों की समस्याओं को उठाने और उनका समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह बैठक ठेकेदारों और रेलवे प्रशासन के बीच बेहतर संवाद और सहयोग सुनिश्चित करने का एक प्रयास है।
सतना सांसद गणेश सिंह की पहल पर जबलपुर में आज डीआरएम और रेलवे ठेकेदारों की यह बैठक आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
रेलवे कांट्रेक्टर एसोसिएशन के संरक्षक राजेश कैला ने हाल ही में सांसद से मुलाकात कर बैठक की मांग रखी थी। उन्होंने बताया था कि बीते डेढ़ वर्ष से ठेकेदारों और रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों, डीआरएम के बीच कोई बैठक नहीं हुई, जिससे समस्याओं के समाधान में बाधा आ रही थी और ठेकेदार अपनी बात नहीं रख पा रहे थे।
आज हुई बैठक में डीआरएम ने आश्वासन दिया कि आगे से हर तीन महीने में ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के बीच बैठक होगी, ताकि समस्याओं का समय पर समाधान हो सके। इस पहल के लिए ठेकेदारों ने सांसद और डीआरएम का आभार व्यक्त किया।

रेलवे कांट्रैक्टर एसोसिएशन के संरक्षक राजेश कैला और वरिष्ठ ठेकेदारों की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में ठेकेदारों ने अपने विभिन्न मुद्दों को डीआरएम के समक्ष रखा। इस दौरान, डीआरएम ने ठेकेदारों की समस्याओं को ध्यान से सुना और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इन समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए।

समस्याओं पर विस्तृत चर्चा……
- पुराने ठेकों का बंद होना: एसोसिएशन ने 01 जुलाई 2017 से पूर्व आवंटित ठेकेों को बंद करने की मांग की, क्योंकि इसके बाद GST दर में बदलाव हुआ है और रेलवे प्रशासन ने अब तक इन्हें बंद नहीं किया है। क्योंकि इन ठेकों में GST न्यूटलाइजेशन का भुकतान अभी तक नहीं किया गया।
- EMD, PG & SD: ठेकेदारों ने अपनी विभिन्न ठेकों में जमा की गई EMD, PG, और SD की वापसी की मांग की, जिनका भुगतान ठेकेदारों को लंबित है, जबकि ठेके पूर्ण हो चुके हैं।
- बिलों का भुगतान: ठेकेदारों ने मांग की कि उनके बिलों का जल्द भुगतान किया जाए, विशेष रूप से उन मामलों में जहां रिवाइज़ एस्टीमेट की स्वीकृति में देरी हो रही है।
- रॉयल्टी का मुद्दा: ठेकेदारों ने यह मुद्दा उठाया कि 01 जनवरी 2020 के बाद रॉयल्टी की वसूली में कुछ विभागों ने छूट दी है, जबकि पुराने ठेकों में रॉयल्टी की कटौती की जा रही है, जो न्यायसंगत नहीं है।
- कार्य की गुणवत्ता: डीआरएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि काम की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और ठेकेदारों की बातों को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के साथ सहयोग बनाए रखते हुए उनके मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।
- विलंबित निविदा प्रक्रिया: ठेकेदारों ने निविदा स्वीकृति में हो रही देरी को लेकर भी शिकायत की और इसे जल्द से जल्द समाप्त करने की मांग की।
डीआरएम का सकारात्मक रुख:
डीआरएम ने ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सकारात्मक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की परेशानियों को समझते हुए इनका समाधान निकाला जाएगा और सभी अधिकारियों को इन मुद्दों का शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।

ठेकेदारों ने डीआरएम के स्पष्ट और सटीक दिशा-निर्देशों का समर्थन किया। संगठन के संरक्षक राजेश कैला ने कहा कि यह बैठक ठेकेदारों के लिए सकारात्मक रही है और वे उम्मीद करते हैं कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान होगा।
संगठन की ओर से विजय बहलानी, अजय गंगवार एवं शुधेद्र द्विवेदी ने रखी प्रमुख मांगे,
बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि रेलवे प्रशासन ठेकेदारों के साथ मिलकर कार्यों को सही दिशा में लेकर जाएगा। DRM द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ठेकेदारों के मामलों में त्वरित निर्णय लें और कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
डीआरएम ने यह भी कहा कि इस प्रकार की बैठकें आगे नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि ठेकेदारों के मुद्दों का समाधान जल्दी हो सके और कार्यों की प्रगति में कोई रुकावट न आए।
बैठक में कांट्रैक्टर एसोसिएशन के सभी प्रमुख पदाधिकारी जिनमे…
संरक्षक:
राजेश कैला
कवि रत्न पटेल
प्रदीप चौहान
उदय गंगादर
एम.के. सिंह,
अध्यक्ष:
रामसुजान गुप्ता,
महासचिव:
विजय बहलानी
वरिष्ठ उपाध्यक्ष:
सुरेंद्र द्विवेदी
सुनील चौधरी
उपाध्यक्ष:
ए. कुमार
विद्यानंद तिवारी
रजनीश जैन
सचिव:
शैलेंद्र जैन
रमेश मिश्रा (बब्लू)
जायल पाल
लवकेश भटीजा
कोषाध्यक्ष:
संजीव बंसल
सह-कोषाध्यक्ष:
राकेश बहलानी
संगठन मंत्री:
गुड्डा जैन
मीडिया प्रभारी:
नितिन बाजपेई
लोकेश श्रीवास्तव
कार्यकारिणी सदस्य:
रवि पाण्डेय
संतोष परोहा
रामनरेश पाण्डेय (पैयन)
संतोष श्रीवास्तव
पप्पू साह समेत अन्य कार्यकारिणी सदस्य, एवं ठेकेदार उपस्थित थे।
बैठक के अंत में डीआरएम ने ठेकेदारों के योगदान और उनके मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के लिए धन्यवाद दिया।
सालों बाद हुई बैठक के बाद ठेकेदार संगठन के लोगों ने कहा कि यदि ठेकेदारों और प्रशासन के बीच संवाद सही तरीके से स्थापित किया जाए, तो समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कैसे किया जाता है और ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान कैसे होता है।