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कोठी नगर परिषद में इंजीनियर पर सियासी वार! क्या पारदर्शिता बन गई राजनीति का शिकार?

कोठी नगर परिषद में कार्यरत इंजीनियर प्रियंवदा सिंह पर राजनीतिक हमले तेज हो गए हैं। नगर परिषद अध्यक्ष ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की है। आरोप है कि निर्माण कार्यों की रफ्तार धीमी है और इंजीनियर की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है। पार्षदों का कहना है कि विकास रुका हुआ है और वे जनता के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

लेकिन इंजीनियर प्रियंवदा सिंह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने साफ कहा कि जब भी घटिया सामग्री या पुराने निर्माण संसाधनों का उपयोग होता है, वे कार्य पर रोक लगाती हैं और जांच कराती हैं। हाल ही में एक साल पुरानी सीमेंट के उपयोग पर सवाल उठाने के बाद उनके खिलाफ माहौल बनाया गया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को नोटिस देने पर अप्रत्यक्ष रूप से धमकियां तक मिलीं, ट्रांसफर कर दिया जाएगा अगर, भगा दिया जाएगा।

इंजीनियर का यह कहना है कि वह केवल नियमों के दायरे में काम कर रही हैं और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करना चाहतीं।

मामले में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रॉमिस त्रिपाठी ने भी इंजीनियर के पक्ष में बयान दिया और कहा कि प्रियंवदा सिंह एक जिम्मेदार और कर्मठ अधिकारी हैं। वह निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की लगातार निगरानी करती हैं और जनता की समस्याओं के समाधान में तत्पर रहती हैं। वही नगर परिषद से जुड़े कुछ अन्य लोगों का कहना है कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश है, जिससे ईमानदार अधिकारियों को दबाव में लाकर हटवाया जा सके। इससे पहले सीएमओ पूजा द्विवेदी को भी इसी तरह निशाना बनाया गया था।

जानकारी लेने पर कोठी के कुछ समाजसेवीयों व लोगों ने बताया कि कोठी राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी का क्षेत्र है, इसलिए यहां लगातार विकास कार्यों पर नजर रखी जाती है। अधिकारी भी लापरवाही नहीं करना चाहते और गुणवत्ताहीन कार्यों पर सख्त रुख अपनाते हैं। यही वजह है कि कुछ राजनीतिक लोग नाराज हैं और अपनी दबंगई दिखाने के लिए अधिकारियों को टारगेट कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब नियम से कार्य करना, भ्रष्टाचार का विरोध करना और पारदर्शिता लाना ही सियासी ताकतों की आंख की किरकिरी बन गया है? अगर ऐसा ही चलता रहा तो विकास और ईमानदारी की उम्मीद किससे की जाएगी?

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