सतना, कृष्ण नगर में खुलेगा बेटियों की शिक्षा का नया केंद्र।

उपकार हम हैं’ की छठी शाखा तैयार
अब तक 161 बेटियों को मिला नया जीवन, समाज में उम्मीद की किरण बनी संस्था…

बेटी दुनिया का सबसे खूबसूरत उपहार है और इसे संवारने की दिशा में ‘उपकार हम हैं’ संस्था लगातार नई इबारत लिख रही है। वर्ष 2014 में सिर्फ छह बेटियों को पढ़ाने से शुरू हुई यह यात्रा आज 161 बेटियों को शिक्षा की रोशनी देकर उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर कर चुकी है। अब यह कारवां एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है, जहां गुरुवार को कृष्ण नगर के सरकारी स्कूल में संस्था की छठी शाखा का उद्घाटन होने जा रहा है।

इस शाखा की विशेषता यह होगी कि इसका उद्घाटन उन 7 बेटियों के हाथों होगा, जिन्होंने संस्था के सहयोग से पढ़ाई पूरी कर नौकरी प्राप्त की है। यह बेटियां अब खुद आत्मनिर्भर होकर अन्य बेटियों को शिक्षा की राह दिखाने में भागीदार बन रही हैं। यह न केवल संस्था के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी क्षण होगा।
‘उपकार हम हैं’ संस्था का उद्देश्य उन बेटियों तक शिक्षा पहुंचाना है, जो किसी भी कारण से शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। समाज में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें शिक्षा तथा सम्मान देकर उनके जीवन को बेहतर बनाना ही संस्था का मुख्य ध्येय है।
संस्था की संस्थापक और प्रमुख सोनिया जौली बताती हैं कि बेटियों की शिक्षा के लिए एक आत्मीय और सुरक्षित वातावरण तैयार किया गया है, जहां उन्हें स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार, स्वच्छता, व्यक्तित्व विकास और करियर गाइडेंस भी दी जाती है। साथ ही, बेटियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाती है ताकि वे भविष्य में मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ सकें।
मातृ शक्ति निभा रही ‘माँ’ की भूमिका।

संस्था में जुड़ी मातृ शक्ति बेटियों के पालन-पोषण, शिक्षा, पोषण और मानसिक मजबूती पर विशेष ध्यान दे रही है। संस्था की माताएं इन बच्चियों के बीच रहकर उनकी पढ़ाई, दिनचर्या और जरूरतों का ध्यान इस तरह रखती हैं जैसे ये बेटियां उनके अपने घर की हों। संस्था की प्रमुख सोनिया माँ खुद बच्चियों के साथ रहकर उनके बीच सीखने और बढ़ने की प्रक्रिया को आसान बना रही हैं।
संस्था ने हाल ही में 10 और बेटियों को गोद लिया है, जिससे इन बेटियों की संख्या 161 हो गई है। इनमें से कई बच्चियां आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर नौकरी कर रही हैं और समाज में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं। गुरुवार को होने वाले कार्यक्रम में 7 बेटियां, जिन्होंने ‘उपकार’ की छांव में पढ़ाई पूरी कर सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी पाई है, अन्य बच्चियों के लिए प्रेरणा बनकर उद्घाटन करेंगी।
बेटियों के लिए अनवरत प्रयास
संस्था ने बेटियों को शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए “पढ़ी बेटी, बढ़ी बेटी” का संकल्प लिया है। इसके तहत बेटियों को स्कूल बैग, स्टेशनरी, कॉपियां, यूनिफॉर्म और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है ताकि किसी भी आर्थिक समस्या के कारण उनकी पढ़ाई बाधित न हो।
उद्घाटन कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

उद्घाटन कार्यक्रम के लिए बच्चियों ने नृत्य और गीतों की प्रस्तुतियों की तैयारी भी शुरू कर दी है। इस दौरान शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से बेटियां समाज को संदेश देंगी कि यदि बेटियों को सही अवसर और वातावरण दिया जाए तो वे किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं।
संस्था से जुड़ी मातृ शक्ति ने उद्घाटन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बेटी दुनिया के सबसे सुंदर उपहारों में से एक है। बेटियों को शिक्षा और सम्मान देकर न केवल उनके जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित किया जा सकता है।
समाज में उम्मीद की किरण बनी ‘उपकार हम हैं’
‘उपकार हम हैं’ संस्था समाज में बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। संस्था ने न केवल बेटियों को शिक्षित किया है बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, सम्मान और सुरक्षित वातावरण भी प्रदान किया है, जहां वे अपने सपनों को खुलकर जी सकती हैं।
संस्था की मातृ शक्ति, बेटियों का समर्पण और समाज का सहयोग मिलकर इस पहल को और मजबूत कर रहे हैं। ‘उपकार हम हैं’ का यह कार्य समाज में बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिससे बेटियों के सपनों को उड़ान देने की राह लगातार आसान होती जा रही है।










