अफसरों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया शाखा परिवर्तन का नियम…..
अमित मिश्रा/सतना।

वन विभाग की व्यय शाखा में 11 साल से जमे सुदीप निगम, नियम ताक पर……

सतना। प्रदेश के वन विभाग में नियमों का पालन अब चयनित व्यक्तियों पर ही सीमित रह गया है। एक ऐसा ही मामला सतना वन मंडल में सामने आया है, जहां व्यय शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 सुदीप निगम पिछले 11 वर्षों से एक ही स्थान पर डटे हुए हैं।
वर्ष 2013 से लगातार व्यय शाखा की जिम्मेदारी संभाल रहे निगम जी का अब तक किसी भी अधिकारी ने शाखा परिवर्तन नहीं किया। जबकि सामान्य प्रशासन के दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि किसी भी कर्मचारी को एक ही संवेदनशील शाखा में वर्षों तक नहीं बैठाया जा सकता।
मामला यह……
अंदरूनी सूत्रों की मानें तो विभाग में किसी भी प्रकार की खरीदी चाहे वह एक पेन हो या लाखों की सामग्री अधिकतर वही फर्में करती हैं जो पहले से सुदीप निगम द्वारा ‘सेट’ कर दी जाती हैं। ऐसे में विभागीय खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता दोनों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
सबके मन में कौंध रहा एक सवाल…
सवाल यह भी उठता है कि आखिर क्यों इतने वर्षों से कोई अधिकारी निगम को हटाने की हिम्मत नहीं जुटा सका? क्या इसके पीछे कोई उच्चस्तरीय संरक्षण है?
कर्मचारी संघ और आम कर्मचारी इस स्थिति से असंतुष्ट हैं और विभागीय प्रमुखों से मांग कर रहे हैं कि नियमों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और सुदीप निगम को तत्काल प्रभाव से दूसरी शाखा में भेजा जाए, ताकि निष्पक्षता की पुनर्स्थापना हो सके।