शहडोल में ‘भूख का घोटाला’: एक घंटे में अफसरों ने उड़ाए 14 किलो ड्राईफ्रूट, 6 लीटर दूध में बनी 5 किलो शक्कर वाली चाय, 5 दिन में दूसरा बड़ा भ्रष्टाचार उजागर….

अमित मिश्रा, शहडोल/सतना।
मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में सरकारी धन के दुरुपयोग का एक और मामला उजागर हुआ है। स्कूल ऑयल पेंट घोटाले के बाद अब जल गंगा संवर्धन अभियान के नाम पर अफसरों ने मात्र एक घंटे में 14 किलो ड्राईफ्रूट और 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर डालकर बनी चाय का आनंद उठाया, जिसका भुगतान ग्राम पंचायत से करा लिया गया। यह आयोजन 25 मई 2025 को भदवाही ग्राम पंचायत में झूंझा नाले पर आयोजित बोरी बंधान कार्यक्रम के दौरान हुआ था।
इस कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, जिला पंचायत सीईओ नरेंद्र सिंह, जयसिंहनगर एसडीएम प्रगति वर्मा समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे। इन अधिकारियों ने बोरी में रेत भरकर नाले में पानी रोकने का कार्य किया और महज एक घंटे तक भदवाही में रुके, लेकिन इस दौरान ग्राम पंचायत से अफसरों की मेहमाननवाजी के नाम पर लाखों का बिल पास कराया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए बिलों के अनुसार, ग्राम पंचायत ने अफसरों की खातिरदारी में 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश समेत 14 किलो ड्राईफ्रूट, 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर खरीदने के नाम पर 19,010 रुपए खर्च कर दिए। बिल में 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्किट और अन्य सामग्री भी दर्ज की गई, जिसका भुगतान पंचायत से हुआ।
हैरान करने वाली बात यह है कि ग्रामीणों को ड्राईफ्रूट की जगह खिचड़ी, पूड़ी और सब्जी परोसी गई, जबकि काजू-बादाम कहीं नजर नहीं आए। आयोजन के दौरान जल चौपाल का भी आयोजन हुआ, जिसमें ग्रामीणों के लिए केवल खिचड़ी, पूड़ी और सब्जी बनी थी। ग्रामीणों ने बताया कि ड्राईफ्रूट का स्वाद लेने का मौका उन्हें नहीं मिला, जबकि बिल में भारी मात्रा में इसकी खरीद दर्शा दी गई।
ग्राम पंचायत ने अफसरों और ग्रामीणों के लिए टेंट, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की थी। सरपंच और सचिव ने इसके लिए चुहीरी के सुरेश तिवारी टी स्टॉल और नारायण टी स्टॉल से पूरी-सब्जी के पैकेट खरीदे, साथ ही गोविंद किराना स्टोर से किराना सामग्री भी मंगाई गई। लेकिन सोशल मीडिया में बिल वायरल होने के बाद मामला उजागर हुआ कि ड्राईफ्रूट और महंगे नाश्ते का हिसाब तो लगा दिया गया, पर यह सामग्री वास्तव में खिलाई गई या नहीं, यह सवालों के घेरे में है।
जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ एमपी सिंह ने कहा कि वे आयोजन में मौजूद थे, लेकिन इतनी मात्रा में ड्राईफ्रूट नहीं देखा। उन्होंने कहा कि बिलों की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला शहडोल में पांच दिन में सामने आया दूसरा बड़ा घोटाला है। इससे पहले स्कूलों में ऑयल पेंट के नाम पर करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ था। अब जल गंगा संवर्धन के नाम पर अफसरों की ‘भूख’ के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर ग्रामीण विकास के नाम पर खिलवाड़ किया गया।
ग्रामीणों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि सरकारी योजनाओं की आड़ में अफसरों की ‘पेटपूजा’ पर रोक लग सके और गरीबों के विकास का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से बच सके।
स्वागत सत्कार के लिए लगाए बिल.

6 लीटर दूध में लगी 5 किलो शक्कर।

पूरी सब्जी के खरीदे गए 50 पैकेट।

दूसरे बिल में काजू का दाम ₹600 किलो, पहले बिल में यह ₹1000 किलो था।

पूरी सब्जी के अलावा अन्य किराना सामान भी खरीदा गया।

50 लड्डू की कीमत को बिल में ₹10 के हिसाब से 1000 जोड़ा गया।

पहले बिल में टेंट कुर्सी का बिल ₹8000।

दूसरे बिल में यही 12500 रुपए।