चित्रकूट में संत समाज का आक्रोश: धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और न्यायिक जांच की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन…

चित्रकूट, सतना। जिला मुख्यालय सतना में आयोजित जनसुनवाई के दौरान चित्रकूट के महा सती अनसूया धाम से पहुँचे संत समाज एवं स्थानीय नागरिकों ने कलेक्टर को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हाल ही में धार्मिक स्थलों पर की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को आस्था पर आघात बताते हुए तीव्र विरोध जताया गया और चार प्रमुख मांगें प्रशासन के समक्ष रखी गईं।

संतों और श्रद्धालुओं का आरोप है कि दत्तात्रेय आश्रम परिसर में स्थित एक प्राचीन मंदिर को प्रशासन ने अतिक्रमण की श्रेणी में रखकर गिरा दिया। इतना ही नहीं, मंदिर में स्थापित भगवान शंकर की मूर्ति को खंडित कर दिया गया, जिससे संत समाज और धार्मिक समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है।
इस जनसुनवाई में कमलेश पाण्डेय, बृजेसानंद उर्फ पंडित बाबा, गौरी शंकर गुप्ता, विनोद पाण्डेय, कुलदीप तिवारी, संतोष तिवारी, लछमन शाहू, रमेश पाण्डेय, मनीष मिश्रा, चुनवाद रैकवार, अजय यादव, अभिमन्यु यादव, रोहणी पाण्डेय, रचित पाण्डेय, विनोद पयासी, प्रशांत शुक्ला, हनुमान सरण पाण्डेय और हीरालाल कुशवाहा जैसे प्रमुख नागरिक एवं संत शामिल हुए।

इन्होंने प्रशासन से निम्नलिखित चार मांगें कीं:
- अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की न्यायिक जांच कराई जाए।
- खंडित धार्मिक स्थलों का सम्मानपूर्वक पुनर्निर्माण किया जाए।
- प्रभावित दुकानदारों को उचित पुनर्वास और मुआवजा दिया जाए।
- भविष्य में किसी भी कार्रवाई से पूर्व संत समाज से संवाद सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि संत समाज प्रशासनिक व्यवस्था के विरोध में नहीं है, लेकिन धार्मिक आस्थाओं और सामाजिक मर्यादाओं का सम्मान किया जाना अत्यंत आवश्यक है।