Home मध्यप्रदेश अकल्पनीय अद्भुत शक्ति जिनके दर्शन मात्र से मनोकामनाएं होती है पूरी, अटूट आस्था, अलौकिक शक्ति, श्रद्धा-भक्ति एवं विश्वास का पावन स्थल- खैरुआ सरकार धाम,

अकल्पनीय अद्भुत शक्ति जिनके दर्शन मात्र से मनोकामनाएं होती है पूरी, अटूट आस्था, अलौकिक शक्ति, श्रद्धा-भक्ति एवं विश्वास का पावन स्थल- खैरुआ सरकार धाम,

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अमित मिश्रा…..

खैरुआ सरकार स्वामी एक अकल्पनीय, अद्भुत शक्ति जिनसे शायद कोई भी अनभिज्ञ नही है। सुबह से ही बजरंगी भक्तों का जमावड़ा सरकार के दरबार मे लग जाता है, छेत्र, जिले व प्रदेश भर में भक्त अपनी मनोकामनाओं के पूर्ण होने पर सरकार के दरबार मे हाजरी लगाने चले आते हैं, दिव्य धाम में प्रतिदिन भंडारों का आयोजन लगा रहता है, सोसल मीडिया के दौर में भक्त अपने सोसलमीडिया पेजों सरकार की तस्वीर लगाकर ही दिन की शुरुआत करते हैं। रंगबली कलयुग के देवता माने जाते हैं, एवं पुराणों के अनुसार यदि कलयुग में कोई अवतार धरती पर है तो वो केवल बजरंगबली हनुमान हैं जिसका जीता जागता प्रमाण आपको खैरुआ गांव में मिलेगा, जहां सरकार के दरबार मे सच्ची आस्था व श्रद्धा से जाने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है।

नागौद से 8 किलोमीटर दूर नागौद-सिंहपुर रोड पर एक छोटा सा गांव है खैरा, जहां बजरंगबली स्वयं प्रकट हुए, एवं खैरुआ सरकार के नाम से जाने जाने लगे।

मान्यता यह है कि, 400 वर्ष पूर्व, बस्ती में एक साहू परिवार का मकान था, शाहू के घर के चूल्हे में एक मूर्ति प्रकट हुई, जिसे प्रतिदिन साहू की पत्नी लोड़ा मारकर दबा दिया करती थी,

यह सिलसिला लगातार 4 से 5 दिनों तक चलता रहा, पांचवी रात में अकौना सठिया गांव के हनुमंत सिंह नामक व्यक्ति को स्वप्न में साक्षात बजरंगबली स्वामी ने दर्शन दिए, एवं ऐसा आदेश किया की “मैं साहू के घर में अवतरित हुआ हूं, एवं उस घर के 1 किलोमीटर के घेरे में कोई भी बस्ती नहीं होनी चाहिए” ,ऐसा आदेश प्राप्त होते ही हनुमंत सिंह ने बताए अनुसार बस्ती को वहां से हटवा, लोगो अनुशार उस क्षेत्र में 1 किमी. तक कोई ब्राम्हण क्षत्रिय परिवार नही रह सकता,

चूल्हे में प्राकट्य मूर्ति अब केवल एक पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान थी,जहां एक छोटे से मंदिर का फट्टी बाबा नामक संत ने निर्माण करवाया, परंतु बजरंगबली का एक और चमत्कार हुआ मंदिर निर्माण के कुछ दिनों बाद पीपल की डगाल के गिरने से मंदिर ढह गया परंतु खैरुआ सरकार की मूर्ति वैसी ही सुरक्षित रही,

कुछ दिनों बाद रौंड गांव के जोगेश्वर पांडे नामक धार्मिक व्यक्ति जिनकी कोई संतान नहीं थी उन्होंने अपना बागीचा बेचकर खैरुआ सरकार के मंदिर का पुनः निर्माण करवाया।,

इस अद्भुत स्थान पर लगातार वर्षों से अखंड मानस होती रही है, एवं ऐसी मान्यता है कि दूर गांव से चलकर लोग यहां अपने मांगलिक कार्यों का प्रथम निमंत्रण खैरुआ सरकार को देने आते हैं।,

बड़े-बड़े ओहदे वाले व्यक्ति हो, या किसी भी प्रदेश के भक्त हो, अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु नारियल के साथ अर्जी या चिट्ठी बांधते हैं और मन्नत पूर्ण होने पर वही नारियल तोड़कर प्रशाद चढ़ाते हैं, ऐसा माना जाता है कि हर भक्त की खैरुआ सरकार मनोकामना पूर्ण करते हैं,

वहीं ऐसी मान्यता है कि इस दरबार में जो कोई भी आता है उसकी सारी मुरादें पूरी होती हैं।,

उदाहरण स्वरूप छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल स्वयं अपनी मनोकामना पूर्ण होने की बात करते हैं और सीएम बनने के बाद उन्होंने 3 बार खैरुआ सरकार बजरंगवली स्वामी के दर्शन किये व उनके आशीर्वाद लिए, वर्तमान में कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी मन्नत पूर्ण होने पर प्रशाद चढ़ाया व समी के पेड़ के नीचे त्रिशूल चढ़ाकर पूजा की,

वही बड़े-बड़े अधिकारी एवं व्यापारी वर्ग का खैरुआ सरकार की चौखट पर जमावड़ा बना रहता है,

चमत्कारों का सिलसिला बस इतना ही नहीं बल्कि लाइलाज बीमारियों से ग्रसित हजारों मरीज पलक झपकते खैरुआ सरकार के आशीर्वाद से स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट हुए हैं,

अनगिनत चमत्कारों का जीता जागता प्रमाण है, खैरुआ सरकार स्वामी,,

साल भर में ऐसा कोई दिन नहीं जब हनुमान भक्त खैरुआ सरकार के दरबार में माथा टेकने ना पहुंचते हो। प्रति मंगलवार एवं शनिवार सरकार के दरबार में भक्त भंडारा करवाते हैं जो वर्षों से निरंतर आज भी चल रहा है।

कोमल से ह्रदय वाले करुणामई भगवान खैरुआ सरकार स्वामी के दर्शन मात्र से ही सभी दुखों का अंत होता है एवं सुख समृद्धि भक्तों की नियति बन जाती है।

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