नई दिल्ली: मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन को रविवार को सिने जगत के सबसे प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। एक गरिमामय कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान दिया। अमिताभ बच्चन ने पुरस्कार लेने के बाद सभी का शुक्रिया करते हुए ज्यूरी से एक सवाल कर अचंभे में डाल दिया । अमिताभ ने कमेटी से अनुमति लेकर कहा ये पुरस्कार का मतलब तो काम से रिटायर सा हो जाना लगता है, लेकिन वह अभी रिटायर नहीं होने जा रहे हैं, अभी उन्हें काम मिल रहा है।
अमिताभ बच्चन ने उपस्थित लोगों से कहा कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार को देने की शुरुआत करीब 50 साल पहले हुई और मुझे इंडस्ट्री में काम करते हुए भी करीब 50 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में एक संदेह उठा कि क्या कहीं ये संकेत है मेरे लिए कि भाई साहब आपने बहुत काम कर लिया है, अब घर बैठ के आराम कीजिए। क्योंकि अभी भी थोड़ा काम बाकी है, जिसे मुझे पूरा करना है और आगे भी कुछ ऐसी संभावनाएं बन रही हैं जहां मुझे काम करने का अवसर मिलेगा, यदि इसकी पुष्टि हो जाए तो बड़ी कृपा होगी।’ इस दौरान बैठे सभी लोग उनकी वाकपटुता के चलते हंस पड़े।
बता दें कि अस्वस्थ होने के कारण अमिताभ बच्चन बीते सोमवार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया था कि अमिताभ बच्चन को दादा साहेब फाल्के सम्मान से 29 दिसंबर को नवाजा जाएगा। 1969 में शुरू हुए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर रखा गया है जिन्हें भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10 लाख रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं। अमिताभ ने अभिनेता के तौर में अपना डेब्यू फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से किया था। उन्हें अग्निपथ, ब्लैक, पा और पीकू सहित 4 नैशनल अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। उन्होंने 1969 में सात हिंदुस्तानी फिल्म से अपना ऐक्टिंग डेब्यू किया था। उन्हें 2015 में देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है।