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किसानों का उग्र आंदोलन, मुआवजा नहीं मिलने पर लेटी परिक्रमा और पदयात्रा, राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु की अनुमति…..

अमित मिश्रा/सतना।

सतना। पावर ग्रिड कंपनी के खिलाफ मुआवजा नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों किसानों ने मंगलवार को सतना में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। नागौर थाना क्षेत्र के पौड़ी तिराहा से शुरू हुई इस पदयात्रा और लेटी परिक्रमा में किसानों ने करीब 42 डिग्री की तपती धूप में अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। महिला कृषकों ने इस आंदोलन की अगुवाई की और कलेक्ट्रेट की ओर रवाना हुईं। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वे राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगेंगे।

सितपुरा स्थित पावर ग्रिड प्लांट ने कई गांवों में हाईराइज टावर तो गाड़ दिए, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं दिया। इस अन्याय के खिलाफ किसानों ने पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया। बावजूद इसके, प्रशासन और कंपनी की मिलीभगत से आदेशों का उल्लंघन कर काम जारी रखा गया। इससे क्षुब्ध होकर किसानों ने आज एक बार फिर एकजुटता दिखाते हुए पदयात्रा और लेटी परिक्रमा शुरू की। किसानों की मांग है कि अदालत के आदेशों के अनुरूप तुरंत मुआवजा दिया जाए।

इस आंदोलन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ. सदाचारी तोमर का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा पावर ग्रिड ने किसानों के साथ अन्याय किया है, प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।

इधर किसानों के ज्ञापन सौंपने से पहले एसडीएम उचेहरा सुमेश द्विवेदी मौके पर पहुंचे और किसानों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने पदयात्रा और परिक्रमा स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे किसान प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी बात रखेगा। प्रतिनिधिमंडल में सात किसान नेता शामिल होंगे।

पीड़ित किसान अमित गौतम ने कहा, हम महीनों से कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दे रहे हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं एसडीएम राहुल सिलाडिया ने कहा, किसानों को जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा।

किसानों ने प्रशासन को दो टूक कहा, अब भी समय है। अगर सरकार किसान हितैषी है, तो मुआवजे का भुगतान तुरंत हो।

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