भगवान परशुराम जन्मोत्सव अक्षय तृतीया आज, मान्यता है अक्षय तृतीया के दिन ही दो युगों की हुई थी शुरुआत, साथ ही द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था।
भगवान परशुराम किसी धर्म जाति वर्ण या वर्ग विशेष के आराध्य ही नहीं बल्कि वे समस्त मानव मात्र के आराध्य हैं, इन्होंने सनातन संस्कृत के वैभव को बढ़ाने का कार्य किया है, भगवान परशुराम जी ने एक युद्ध में 21 प्रजा शोषक, धर्मांध, और आताताई राजाओं का संहार किया था, लेकिन दुष्प्रचार के कारण यह बताया गया कि इन्होंने 21 …